श्री शिवचरण जी भीमराजका (Shree Shiv Charan Bhimrajka)

श्री शिवचरण जी भीमराजका (Shree Shiv Charan Bhimrajka)

Shree Shiv Charan Bhimrajka श्री शिवचरण जी भीमराजका (शिव)    ‘जननी जणै तो दोय जण, कै दाता के सूर, नितर तो बांझड भली, मति गंवावै नूर’।   राजपूताना के रेतीले धोरों में शुष्क भूमि के नीचे काव्य-संगीत की एक अक्षुण्ण-अनन्त मदांकिनी निरन्तर प्रवाहित होती रही है। इसी पावन धरा पर भक्ति मार्ग की शीर्ष आराधिका … Read more