दुनियां में कोई भी सहारा न मिला कस्ती को कोई भी किनारा न मिला (Duniya Me Koi Bhi Sahara Na Mila Kasti Ko Koi Kinara Na Mila)

Duniya Me Koi Bhi Sahara Na Mila Kasti Ko Koi Kinara Na Mila
दुनियां में कोई भी सहारा न मिला कस्ती को कोई भी किनारा न मिला

 

तर्ज – चाहा है तुझको / हारा हु बाबा

 

दुनियां में कोई भी सहारा न मिला,
कस्ती को कोई भी किनारा न मिला ।
मेरे माझी बन जाओ, मेरी नाव चला जाओ ॥

 

खुद से चल जाती नैया जो हमारी,
तो फिर ना होती दरकार तुम्हारी ।
मेरे माझी बन जाओ, मेरी नाव चला जाओ ॥

 

सुख में भुलाया तो दुःख ने सताया,
मुसीबत में कोई भी काम न आया ।
मेरी बिगड़ी बना जाओ, मेरी लाज बचा जाओ ॥
खुद से चल जाती…

 

खुद से ये नैया चला के मैं हारा,
आखिर में तुझको ही मैंने पुकारा ।
आओ जल्दी आओ पटवार पकड़ जाओ ॥
खुद से चल जाती…

 

कोई अच्छा माझी जो नैया चलाता,
तुझको बुलाने का मौका ना आता ।
ये अटक गयी नैया आकर के चला जाओ ॥
खुद से चल जाती…

 

मेरा बस तो तुम पे ही चलता कन्हैया,
तेरे ही चलाने से चलती है नैया ।
भाव पार लगा जाओ अर्जी ना ठुकराओ ॥
खुद से चल जाती…

 

कभी सोचता हूँ हमारा क्या होता,
अगर कान्हा तेरा सहारा ना होता ।
कहे पवन को समझाओ इतना तो बतलाओ ॥
खुद से चल जाती…

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
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