हे अष्ठभुजा वाली जगमग तेरी ज्योति है थारो टीको मृगमद को नाशागृहे मोती है (He Asth Bhuja Wali Jagmag Teri Jyoti Hai Tharo Tiko Mrigmad Ko Nasha Grahe Moti Hai)

He Asth Bhuja Wali Jagmag Teri Jyoti Hai Tharo Tiko Mrigmad Ko Nasha Grahe Moti Hai
हे अष्ठभुजा वाली जगमग तेरी ज्योति है थारो टीको मृगमद को नाशागृहे मोती है
तर्ज –  होठों से छुलो तुम मेरा गीत अमर करदो

 

हे अष्ठभुजा वाली, जगमग तेरी ज्योति है,
थारो टीको मृगमद को, नाशागृहे मोती है ।।

 

सब देव पुकार रहे, कर जोड़ उचार रहे,
चौखट को मैया तेरी, पलकों से बुहार रहे,
यादों का सहारा ही, माँ मेरी बपौती है ।।
थारो टीको मृगमद को …..

 

तुम खुद ही सम्हालोगी, विश्वास ये मेरा है,
दुखनाशिनी-जगदात्री, तूं ही सुख का सवेरा है,
ये मार गरीबी की, भरपूर कसौटी है ।।
थारो टीको मृगमद को …..

 

‘शिव’ श्यामबहादुर ने, तेरी ज्योत जगाई है,
सुन टेर चली आओ, भक्तों की दुहाई है,
कुछ भेंट नहीं मोपे, भावों की मनौती है ।।
थारो टीको मृगमद को …..

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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