Jhalak Pahle Jaisi Dikhani Padegi Lagi Aag Dil Ki Bujhani Padegi
झलक पहले जैसी दिखानी पड़ेगी लगी आग दिल की बुझानी पड़ेगी
तर्ज – तेरे प्यार का आसरा
झलक , पहले जैसी …दिखानी पड़ेगी…-2
लगी आग , दिल की … बुझानी पड़ेगी…-2।।… -2
सलोनी अदा पे ये , दिल हार बैठा
तुम्हारे भरोसे पे , सरकार बैठा ।।
अधिक देर कर ना -2… गवारा ना होगा
मधुर बैण , फिर से -2…सुनानी पड़ेगी
लगी आग , दिल की … बुझानी पड़ेगी
झलक , पहले जैसी …
दिला दूंगा , मैं अपनी … कसम अ मुरारी
पड़ी , कितनी महंगी … सनम तेरी , यारी।।
न छोडूंगा , तुमको -2 … ये वादा , मेरा है
नजर , से नजर -2 … फिर , मिलानी पड़ेगी
लगी आग , दिल की … बुझानी पड़ेगी
झलक , पहले जैसी …
बिना ही , वजह क्यो …. सजा दे , रहे हो
महोबत का , कैसा … सजा , दे रहे हो।।
गुनहगार , हु तेरा -2… फिर भी , मुरारी
पुरानी , लगन है -2 … निभानी , पड़ेगी
लगी आग , दिल की … बुझानी पड़ेगी
झलक , पहले जैसी …
यही , श्याम बहादुर भी … कहते , रहे है
सितम , श्याम सुंदर का … सहते , रहे है।।
सबल को , नही कोई -2 … कहता है , दोषी
तरस , सांवले -2 शिव पे , खानी पड़ेगी
लगी आग , दिल की … बुझानी पड़ेगी
झलक , पहले जैसी …