Kaiya Rijhe Shyam Rijhano Koni Jaanu Re
कैंया रीझै श्याम रिझाणो कोनी जाणू रे मैं
तर्ज – तेरे बिना श्याम हमारा नहीं कोई रे
कैंया रीझै श्याम, रिझाणो कोनी जाणू मैं,
रिझाणो कोनी जाणू मैं, लुभाणो कोनी जाणू मैं ।।
कोई तो पहरावै इनै , बागा चमकणिया,
मोटा-मोटा फुलडां का , हार महकणिया,
सोणा-सोणा श्याम नै, सजाणो कोनी जाणू मैं ।।
कैंया रीझै श्याम, रिझाणो……
खीर-चूरमा को , भोग लगाऊँ,
छप्पन भोग , सजाकर ल्याऊँ,
करमां को सो खीचड़ो, खुवाणो कोनी जाणू मैं ।।
कैंया रीझै श्याम, रिझाणो……
नया-नया नित्त की , भजन सुणाऊँ,
ढोल-मजीरा भी , खूब बजाऊँ,
नरसी जैसा भाव, जगाणो कोनी जाणू मैं ।।
कैंया रीझै श्याम, रिझाणो……
साँची-साँची प्रीत ही , श्याम नै भावै,
‘बिन्नू’ कैंया श्याम , प्रभु नै रिझावै,
मीरां जैसी प्रीत, लगाणो कोनी जाणू मैं ।।
कैंया रीझै श्याम, रिझाणो……
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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