किस्मत का मारा हूँ साँवरे प्यार की थोड़ी सी झलक दिखा मेरे श्याम (Kismat Ka Mara Hu Sanwre Pyar Ki Thodi Si Jhalak Dikha Mere Shyam)

Kismat Ka Mara Hu Sanwre Pyar Ki Thodi Si Jhalak Dikha Mere Shyam
किस्मत का मारा हूँ साँवरे प्यार की थोड़ी सी झलक दिखा मेरे श्याम

 

तर्ज – नफरत की दुनिया को

 

किस्मत का मारा हूँ साँवरे,प्यार की थोड़ी सी,
झलक दिखा मेरे श्याम,
सब झूठे रिश्तों को छोड़कर, तेरी भक्ति की,
अलख जगा मेरे श्याम ।।

 

मेरी जिन्दगी में श्याम, धोखे ही धोखे हैं,
बरबादियों के पल, आते ही रहते हैं,
अब हर के तेरी शरण, मैं लेने आया हूँ,
आज मुझे भी थाम ।। झलक दिखा मेरे …..

 

सब जानकर भी तूं, चुपचाप बैठा है,
कह दे कि ये तेरा, इंसाफ कैसा है,
अब आज ना जाऊँ डाल दे, मेरी झोली में,
भीख दया की श्याम ।। झलक दिखा मेरे …..

 

अब तो सिवा तेरे, कोई चाह नहीं मुझको,
दुनिया की अब बाबा, परवाह नहीं मुझको,
अब चौखट पे तेरी ‘हर्ष’ की, बीते रे कान्हा,
जीवन की ये शाम ।। झलक दिखा मेरे …..

 

श्री विनोद अग्रवाल ‘हर्ष’ द्वारा ‘नफरत की दुनिया को छोड़कर’ गीत की तर्ज़ पर रचित रचना ।

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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