Kyu Ghabraye Man Mera Jab Mujhko Ye Ehsas Hai Mera Manjhi Mera Khivaiya Mere Saath Hai
क्यों घबराये मन मेरा जब मुझको ये एहसास है मेरा मांझी मेरा खिवैया रहता मेरे साथ है
तर्ज – अपनी आँचल की
क्यों घबराये मन मेरा जब , मुझको ये एहसास है
मेरा मांझी मेरा खिवैया , रहता मेरे साथ है ।।
जब मैं सोऊं , तब ये सोये , मैं जागूं जग जाता है
मेरे सिरहाने बैठा बाबा , सर पे हाथ फिराता है ।।
मुझसे बोले बोलो बेटा , तुझको क्या दरकार है
मैं बोलूं ना ना रे बाबा , तू मेरा सरकार है ।।
तीन बाण के इस स्वामी की , जो घर घर ज्योत जगाता है
शीश का दानी खाटू वाला , चमत्कार दिखलाता है ।।
जो भी इससे प्रेम करें , यह झट उसका हो जाता है
ना जाने फिर उसकी खातिर , क्या से क्या कर जाता है ।।
जिस नैया का श्याम खिवैया , डूबे ना मझधार है
संजू सच्चे मन से ध्याले , भव से बेड़ा पार है।।
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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