Payasi In Ankhiyo Ko Tera Darshan Mil Jaye Hum Tere Deewane Hai Jaye To Kaha Jaye
प्यासी इन अंखियों को तेरा दर्शन मिल जाए हम तेरे दीवाने हैं जाएं तो कहां जाएं
तर्ज – बचपन की महोबत को
प्यासी इन अंखियों को तेरा दर्शन मिल जाए
हम तेरे दीवाने हैं जाएं तो कहां जाएं
दो नैण दिये तूने ये दुनिया देखन को
माया से छूटे फंदा हमें ज्ञान की दृष्टि दो
तू अपना बन जाए हम तेरे बन जाए
दातार कहते हो हम पर भी रहम कर दो
श्रद्धा और भक्ति से प्रभु दामन को भर दो
प्यारा सा नाम तेरा सांसो में बस जाए
दुनिया की उल्फत में आफत ही आफत है
कहीं शांति नहीं मिलती चहु और मुसीबत है
तेरे दर को छोड़ प्रभु सुख चैन कहां पाए
चरणों में जगह दे दो बिन्नू की तमन्ना है
दिल का अरमान प्रभु तुम्हें पूरा करना है
मैं दर दर भटक रहा मुझे मंजिल मिल जाए