Thodi Si Der Datja Mero Jiv Na Bharo
थोड़ी सी देर डटज्या मेरो जीव ना भरयो
तर्ज – कान्हूड़ा लाल घड़लो म्हारो भरदे रे
थोड़ी सी देर डटज्या मेरो,
जीव ना भरयो ।।
इतनी उतावळ थारै, क्यांकि कन्हैया,
क्यूं तो दयाकर, बैण बजैया,
सावळ निरख्या ही होसी, काळजो हरयो ।।
थोड़ी सी देर डटज्या मेरो …..
नै आतो तो मेरो, जी क्यूं तरसतो,
मन पंछी क्यूं, तेरै सैं फंसतो,
चल्यो मतना जाये, थां सैं जीव है लड्यो ।।
थोड़ी सी देर डटज्या मेरो …..
तूं या छेड़, कठै सैं सीखी,
ज्योत जगाऊँ तेरी, देशी घी की,
मत ना तूं साँवरा, दिखावै नखरो ।।
थोड़ी सी देर डटज्या मेरो …..
श्यामबहादुर तूं तो, ‘शिव’ है मिजाजी,
कराकै मनावणा भी, तूं होज्या राजी,
कई दिनां पीछै फेरूँ, काम है पड्यो ।।
थोड़ी सी देर डटज्या मेरो …..
स्व. शिवचरणजी भीमराजका ‘शिव’ द्वारा राजस्थानी भजन ‘कान्हूड़ा लाल घड़लो म्हारो भरदे रे’ की तर्ज़ पर रचित रचना ।
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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