Tu Shyam Rijha Bande Teri Bigdi Sanwar Jaye
तू श्याम रिझा बन्दे तेरी बिगड़ी संवर जाये
तर्ज – आ लौट के आजा मेरे मीत
तू श्याम , रिझा बन्दे… ,तेरी बिगड़ी , संवर जाये
कट जाये , सभी फँदे-2…तेरी बिगड़ी , संवर जाये ।।
जिसने पुकारा , माँगा सहारा…,उसका ही , जीवन सँवारा,…-2
अर्जी लगा दो , सब कुछ बतादो,… कहना ना , पड़ता दुबारा,…2
थामे वो , तेरे , कंधे,-2…तेरी बिगड़ी , संवर जाये।।(१)
दर दर क्यूँ भटके,माथा क्यूँ पटके,खाये क्यूँ दुनिया के झटके,
आजा शरण में,श्याम चरण में,तेरे मिटे सारे खटके,
चल जाये काम धन्धे,तेरी बिगड़ी संवर जाये।।(२)
माँगो उसी से,जो दे दे ख़ुशी से,बतलाए भी ना किसी से,
देना ही जाने,कहना भी माने,लेता ना वापस किसी से,
इसे राजी कर बन्दे,तेरी बिगड़ी संवर जाये।।(३)
जी भर के गा ले,श्याम रिझा ले,अपना इसे तू बना ले,
“बिन्नू” यूँ बोले,फिर होले होले,जीवन में छाए उजाले,
काम होंगे कभी ना मन्दे,तेरी बिगड़ी संवर जाये।।(४)
तू श्याम रिझा बन्दे,तेरी बिगड़ी संवर जाये