Yaha Kisko Kahe Apna Sabhi Kahne Ko Apne Hai Jab Parkha Jarurat Pe Laga Apne Bas Sapne Hai
यहाँ किसको कहे अपना सभी कहने को अपने है जब परखा जरुरत पे लगा अपने बस सपने है
तर्ज – हे बाँके बिहारी लाल
यहाँ किसको कहे अपना, सभी कहने को अपने है।
जब परखा जरुरत पे, लगा अपने बस सपने है।।
जिनको अपना समझ समझ कर, सब कुछ अपना खोया,
इस जीवन में जिनकी वजह से, बस रोया ही रोया,
अपनों के भरोसे पे, तो बस अरमान मचलने है।।(१)
अर्थ बिना कोई अर्थ नहीं है, अर्थ अनर्थ कराता,
अर्थ की नियति है भाई से, भाई को लड़वाता,
थोड़े से स्वार्थ मैं, तो निज में बैर पनपने है।।(२)
श्याम की नैया, श्याम खिवैया, श्याम ही पालनहारा,
जिसकी नैया श्याम भरोसे, मिलता उसे ही किनारा,
“संजु” आजमाकर देख, सिर्फ बाबा ही अपने है।।(३)
जब परखा जरूरत पे, लगा अपने बस सपने है
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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