Aaja Mere Kanhiya Bin Manjhi Ke Sahare
आजा मेरे कन्हैया बिन माँझी के सहारे
आजा मेरे कन्हैया,बिन माँझी के सहारे,
डूबेगी मेरी नैया,
आजा मेरे कन्हैया..
बीच भँवर मे नैया, बन जाओ श्याम खिवैया,
आजा मेरे कन्हैया….
बैठे है आप ऐसे,सुनता नहीं हो जैसे-२
नैया हमारी मोहन,उतरेगी पार कैसे,
तुझे क्या पता नहीं है,मझधार मै पड़ी है।।(१)
मेहनत से हमने अपनी,नैया ठीक बनायी-२
लेकिन भवर मै मोहन,कोशिश न काम आई,
हारे है हम तो जब भी,तुफानो से लडे है।।(२)
पतवार खेते खेते,आखिर मे थक गया हूँ-२
शायद तू आता होगा,कुछ देर रुक गया हूँ,
“बनवारी” बेबसी मे,चुपचाप हम खड़े है।।(३)
आजा मेरे कन्हैया,बिन माँझी के सहारे,
डूबेगी मेरी नैया..