Baba Shyam Mero Kaam Thane Hi Patano Hai
बाबा श्याम मेरो काम थानै ही पटाणो है
तर्ज – दीनानाथ मेरी बात
बाबा श्याम, मेरो काम, थानै ही पटाणो है,
भीतरनै क्यूँ बड़कै बैठ्यो, परदो हटाणो है ।।
मूंडो भी लखोवैगो तो, थानै नहीं छोड़स्यां,
दोरो मौको लाग्यो नैणा, बाबाजी सैं जोड़स्यां,
आ तो जग जाणै तूं, सदा सैं शरमाणो है ।।
भीतरनै क्यूँ बड़कै बैठ्यो…..
बेगा सा आ जाओ थानै, प्यार सैं बुलावां हां,
कद सैं रंगीला थानै, अरज़ सुणावां हां,
देरी जे लगावैगो तो, घणो हरजाणो है ।।
भीतरनै क्यूँ बड़कै बैठ्यो…..
अईंया नहीं चाये, बालकां नै तरसावणा,
म्हारै चित्तचोर का म्है, करां हां मनावणा,
थारै पर भी साँवरिया, होसी जुरमानो है ।।
भीतरनै क्यूँ बड़कै बैठ्यो…..
श्यामबहादुर ‘शिव’, होसी तकरार है,
सांवळै सरकार पर ही, सारो दारमदार है,
बाबा को मिजाज नहीं, टाबरां सैं छानो है ।।
भीतरनै क्यूँ बड़कै बैठ्यो…..
श्रद्धेय स्व. शिवचरण जी भीमराजका द्वारा सुप्रसिद्ध भजन ‘दीनानाथ मेरी बात, छानी कोनी तेरै सैं’ की तर्ज़ पर रचित भावपूर्ण रचना ।
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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