Bhakto Ki Naav Prabhu Paar Kijiye
भक्तों की नाव श्याम प्रभु पार कीजिये
तर्ज – दिल की ये आरज़ू थी
भक्तों की नाव श्याम प्रभु, पार कीजिये,
वश में नहीं जो आपके, इन्कार कीजिये ।।
आँधी ना तोड़ डाले कहीं, मेरी नाव को,
पहले भी कह चुका हूँ कई-कई बार आपको,
इतना सा मेरा काम ये, सरकार कीजिये ।।
वश में नहीं जो आपके……
इतना बताओ जायें कहाँ, द्वार छोड़कर,
कहते हैं बार-बार यही, हाथ जोड़कर,
वश में नहीं जो आपके, इन्कार कीजिये ।।
वश में नहीं जो आपके……
अच्छा नहीं है श्याम किसी, दिल को तोड़ना,
नैया किसी गरीब की, मझधार छोड़ना,
दीनों के नाथ दीनों पे, उपकार कीजिये ।।
वश में नहीं जो आपके……
नैया ना डूब जाये कहीं, तेरी आस में,
तूफान आ गया है प्रभु, बिल्कुल पास में,
‘बनवारी’ आके हाथों में, पतवार लीजिये ।।
वश में नहीं जो आपके……
श्री जयशंकर चौधरी ‘बनवारी’ द्वारा ‘दिल की ये आरज़ू थी कोई, दिलरुबा मिले’ गीत की तर्ज़ पर रचित अनमोल भाव भरी रचना ।
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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