Dani Hokar Kyu Chup Baitha Ye Kaisi Daatari Re Kyu Tere Bahagat Dukhari Re
दानी होकर क्यूँ चुप बैठा ये कैसी दातारी रे क्यूँ तेरे भगत दुखारी रे
दानी होकर क्यूँ चुप बैठा
ये कैसी दातारी रे
ओ श्याम बाबा
क्यूँ तेरे भगत दुखारी रे
बिन फल के ज्यूँ वृक्ष ना सोहे,
बिन बालक ज्यूँ नारी रे
ओ श्याम बाबा
क्यूँ तेरे भगत दुखारी रे।।
श्याम सुन्दर ने खुश होकर तुझे
अपना रूप दिया है-2
और हमने उस रूप का दर्शन
सौ-सौ बार किया है- 2
हमरे संकट दूर ना हो तो-2,
ये बदनामी थारी रे
ओ श्याम बाबा
क्यूँ तेरे भगत दुखारी रे।।
ना मैं चाहूँ हीरे मोती,
ना चाँदी ना सोना-2
मेरे आंगन भेज दे बाबा,
तुझसा एक सलोना-2
हम को क्या जो वन उपवन में-2,
फूल रही फुलवारी रे
ओ श्याम बाबा
क्यूँ तेरे भगत दुखारी रे।।
जब तक आशा पूरी ना होगी,
दर से हम ना हटेंगे-2
सब भगतों को बहका देंगे
तेरा नाम ही लेंगे- 2
सोच ले तू भगतों का पलड़ा-2,
सदा रहा है भारी रे
ओ श्याम बाबा
क्यूँ तेरे भगत दुखारी रे।।
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम यही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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