देखो म्हारो श्याम कैसो जँच रह्यो है सिंहासन पर बैठ्यो बैठ्यो हँस रहयो है (Dekho Maharo Shyam Kaiso Jach Ryo Hai Singhasan Par Baitho Baitho Has Ryo Hai)

Dekho Maharo Shyam Kaiso Jach Ryo Hai Singhasan Par Baitho Baitho Has Ryo Hai
देखो म्हारो श्याम कैसो जँच रह्यो है सिंहासन पर बैठ्यो बैठ्यो हँस रहयो है

 

तर्ज – एक परदेसी मेरा दिल

 

देखो म्हारो श्याम कैसो जँच रह्यो है,
सिंहासन पर बैठ्यो बैठ्यो हँस रहयो है।

 

साँवली सलोनी छवि भोलो भालो मुखड़ो,
प्रेम स निहार लेवो,मिट जावे दुखड़ो,
आंख्या स अमृत बरस रह्यो है…(1)

 

तीखा तीखा नैणा स जादू यो चलाव,
अपनों बनाव बिन्न कदे ना भुलाव,
प्रेमिया की प्रेम डोर कस रह्यो है…(2)

 

अपने भक्तां न बाबो प्यारो घनो लागे,
सारा सेवक झूम रह्या सावरे के आगे,
भगतां क कालजे म बस रह्यो है…(3)

 

श्याम जैसो दुनिया म दूजो नहीं और है,
म्हे तो याहीं जाणा म्हारो श्याम चितचोर है,
“बिन्नू” कहे जीव म्हारो,फँस रहयो है…(4)

 

सिंहासन पर बैठ्यो बैठ्यो हँस रह्यो है।

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम यही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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