Kanhiya Bas Do Roti Khale Mere Garib Khane Ki Prem Ka Tinka Jod Jhonpadi Bani Deewane Ki
कन्हैया बस दो रोटी खाले मेरे गरीबखाने की प्रेम का तिनका जोड़ झोपड़ी बणी दिवाने की
तर्ज – सबको देती है मेरी मैया
प्रेम का तिनका जोड़, झोपड़ी बणी दिवाने की
कन्हैया बस दो रोटी खाले मेरे गरीबखाने की।।
।। अन्तरा ।।
हमारा वादा है ये, आयेगें बिना बुलाये
बहाने ढूंढ़ोगे तुम, कि घर पे कैसे जाये
तेरी आदत पड़ जायेगी, रोटी खाने की
कन्हैया बस दो रोटी ………।।1।।
पूछोगे मेरी गली तुम, पूछोगे मेरी ठिकाना
नाम पूछोगे मेरा, खाओगे इक बार खाना
पूछोगे तरकीब कन्हैया, खाना बनाने की
कन्हैया बस दो रोटी ………।।2।।
उमर थी छोटी तेरी, तुमने माखन चुराया
मेरे घर पे ‘बनवारी’, अगर जो खाना खाया
तेरी इच्छा हो जायेगी, रोटी चुराने की
कन्हैया बस दो रोटी ……..।।3।।