Khatu Me Darbar Lagakar Jag Ko Palanhar Sanwro Baitho Hai Ji Baitho Hai
खाटू मं दरबार लगाकर जग को पालणहार साँवरो बैठ्यो है जी बैठ्यो है
तर्ज – चाँद चढ्यो गिगनार
खाटू मं दरबार, लगाकर जग को पालणहार,
साँवरो बैठ्यो है जी बैठ्यो है ।।
सैं कै घट-घट की यो जाणै,
साँचो प्रेम प्रभु पहचाणै,
करलै इण सैं प्यार, बंदा यो यारां को यार,
साँवरो बैठ्यो है जी बैठ्यो है ।।
ऐं की दया को पार नहीं है,
खुशियां को दातार यो ही है,
तन-मन इण पे वार, बणज्या इणको ताबेदार,
साँवरो बैठ्यो है जी बैठ्यो है ।।
इण की दया सैं तो अणजानो,
शरणागत बण कर ही जाण्यो,
है साँचो दिलदार, ‘नन्दू’ जीवन देवै सँवार,
साँवरो बैठ्यो है जी बैठ्यो है ।।
श्री नन्दकिशोर जी शर्मा ‘नन्दू’ द्वारा राजस्थानी गीत ‘चाँद चढ्यो गिगनार’ की तर्ज़ पर रचित भजन ।
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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