खोल लो मन मन्दिर के द्वार ना जाने कब श्याम पधारें रहो सदा तैयार (Khol Lo Man Mandir Ke Dwar Na Jane Kab Shyam Padhare Raho Sada Taiyar)

Khol Lo Man Mandir Ke Dwar Na Jane Kab Shyam Padhare Raho Sada Taiyar
खोल लो मन मन्दिर के द्वार ना जाने कब श्याम पधारें रहो सदा तैयार

 

तर्ज – बने है याचक कृपानिधान

 

खोल लो मन मन्दिर के द्वार
ना जाने कब श्याम पधारें,रहो सदा तैयार।।

 

मन मन्दिर का खोलो ताला,
भक्ति भाव से करो उजाला,
तब आयेंगे दीन दयाला, जग के पालनहार।।(१)

 

प्यारा सा मन मन्दिर तेरा,
इसमें क्यों है घोर अँधेरा,
काम,क्रोध का बन गया डेरा,जमा लिया अधिकार।।(२)

 

प्रेम से इसकी करो सफाई,
जब हो जाये दूर बुराई,
रिझेंगे तब श्याम कन्हाई,सेवा हो स्वीकार।।(३)

 

श्याम से दिल के तार मिलाओ,
जीवन का ये लक्ष्य बनाओ,
“बिन्नू” परमतत्व को पाओ,हो जाओ भव पार।।(४)

 

खोल लो मन मन्दिर के द्वार

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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