म्हान साँवरो सलूणो लुभाय गयो रे तिरछे नैणां सं जादू चलाय गयो रे Mahane Sanwaro Saluno Lubhay Gyo Re Tirche Naina Se Jadu Chalay Gyo Re

Mahane Sanwaro Saluno Lubhay Gyo Re Tirche Naina Se Jadu Chalay Gyo Re
म्हान साँवरो सलूणो लुभाय गयो रे तिरछे नैणां सं जादू चलाय गयो रे

 

तर्ज – श्याम ऐसो जिया म

 

||दाेहा||
तिरछी तेरी चितवन है, तिरछी तेरी चाल ।
तिरछा तेरा नैन है, तिरछा तेरा हाल ।।

 

म्हान साँवरो सलूणो लुभाय गयो रे 
तिरछे नैणाँ सं जादू
चलाय गयो रे 
म्हार कालजे मं हलचल
मचाय गयो रे 
तिरछे नैणां सं जादू
चलाय गयो रे ।। टेर ।। 

 

रूप है साँवला नैण तिरछे बड़े 
बाँकी चितवन लगे अति प्यारी
कुछ न बाेल्याे मगर
बतलाय गयाे रे
तिरछे नैणां सं जादू …

 

मैं दीवाना हुआ मस्ताना हुआ
मेरे अंग-अंग में मस्ती समाई
मुझे मस्ती के रंग में
डूबाय गयो रे
तिरछे नैणां सं जादू …

 

रँग छूटे नहीं सँग छूटे नहीं
जाम मस्ती का भर-भर पिलाओ
‘नन्दू’ दिलदार दिल में
समाय गयो रे 
तिरछे नैणां सं जादू …

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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