Mahara Kanuda Khichad Kha Le Re Banwari Karma Vinti Kar Ke Hari Beti Jata Ri
म्हरा कानुड़ा खीचड़ खा ले रे बनवारी करमा विनती कर कर हारी बेटी जाटा री
तर्ज – राजस्थानी
म्हरा कानुड़ा, खीचड़ खा ले रे बनवारी,
करमा विनती कर कर हारी, बेटी जाटाँ री
।। अन्तरा।।
बापू दूजे गांव सिधायो, थारो मन्दरियो सम्हलायो
सारी पूजा ढ़ंग सिखायो, बेटी जाटाँ री
बेटी तड़के उठ कर अईये, म्हारे गिरधर ने न्हवईये
पूजा करके भोग लगईये, बेटी जाटाँ री, म्हारा ।।1।।
मीठे पानी से नहलायो, ऊँचे आसन पर बैठ्यो
लम्बो चन्दन तिलक लगायो, बेटी जाटाँ री।
जड़ कर मन्दरिये में ताली, करमा गीत गांवती चाली
ल्याई खीचड़लो भर भाली, बेटी जाटाँ री, म्हारा ।।2।।
तड़के छाछ राबड़ी ल्याऊँ, मीठे गुड़ री खीर बणाऊँ
उठ कर भोरां भोर जिमाऊँ, बेटी जाटाँ री
म्हारी भूल बता द्यो सारी, क्यूँ थे रूठ्या कुंज बिहारी
म्हाने गाल्याँ पड़सी खाणी, बेटी जाटाँ री, म्हारा ।।3।।
बापू बाहर गाँ से आवे, म्हाने मुक्यां से धमकावे
करमा आँसुड़ा ढ़लकावे, बेटी जाटाँ री
आगे गर्दन काट चढ़ाऊँ, या मैं जहर खाय मर जाऊँ
तो भी थाने आज जिमाऊँ, बेटी जाटाँ री, म्हारा ।।4।।
पड़ दो धाबलिये रो कीन्हों, मोहन खीचड़लो खा लीनों
भोला भक्तां दर्शन दीन्हों, बेटी जाटाँ री
बोल्या ठाकुर मीठी बाणी, म्हाने प्यादे ठण्डो पाणी
करमा थारी प्रीत पिछाणी, बेटी जाटाँ री, म्हारा ।।5।।
पाठे गाँव चौधरी आयो, करमा सारो हाल सुणायो
सुनकर घणो अचम्भो आयो बेटी जाटाँ री
थारो दास भँवर हर्षावे, भोला भक्तां रा गुण नावे
म्हारी नैया पार लगावे, बेटी जाटाँ री, म्हारा ।।6।।
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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