Mahare Ghar Ko Malik Tu Hai Kuch Fikar Nhi Mahane Tu Jane Tero Kam Jane
म्हारै घर को मालिक तु है कुछ भी फिकर नहीं म्हाने तु जाण तेरो काम जाण
तर्ज – लीला रे म्हाने श्याम
म्हारै घर को मालिक तुं है,
कुछ भी फिकर नहीं म्हाने,
तुं जाण तेरो काम जाण ।।
म्हां पर तेरी मर्जी चाले,
तेरी डोर हिलाई हालै,
म्हारी नस नस पहचाण।।(१)
कोई उलझन जद आ जाव,
कदे नहीं तुं दैर लगाव,
झट आ जाव सलटान ।।(२)
कैया चलै गृहस्थी म्हारी,
या तेरी है जिम्मेदारी,
देख तेर टाबरिया न ।।(३)
म्हान तो कुछ भी ना चाहिए,
“बिन्नू” कहव बुलातो रहिये,
सदा हाजरी भरबा न ।।(४)
तुं जाण तेरो काम जाण
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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