Mahari Pida Haro Ghanshyam Aaj Thane Aaya Sarsi Tha Bin Dinanaath Anguli Kun Pakadsi
म्हारी पीड़ हरो घनश्याम आज थानै आयां सरसी जी थां बिन दीनानाथ आंगळी कुण पकड़सी जी
तर्ज – तेरा भगत करै तन्नै याद श्याम
म्हारी पीड़ हरो घनश्याम
आज थानै आयां सरसी जी,
थां बिन दीनानाथ आंगळी, कुण पकड़सी जी ।।
थां बिन म्हारै सिर पर बाबा, कुण तो हाथ फिरावै,
सगळा मुण्डो फेर कै बैठ्या, कुण तो साथ निभावै,
मझधारां सैं बेड़ो कैंया, पार उतरसी जी ।।
थां बिन दीनानाथ आंगळी, कुण …….
म्हारी हालत सेठ साँवरा, थांसै कोन्या छानी,
एक बार थे पलक उघाड़ो, देखो म्हारै कानी,
थारै देख्यां बिगड़ी म्हारी, श्याम सुधरसी जी ।।
थां बिन दीनानाथ आंगळी, कुण …….
आँख्यां स्यामी घोर अंधेरो, कुछ ना सूझै आगै,
इब के होसी सोच-सोच कै, म्हानै तो डर लागै,
‘हर्ष’ म्हारै आगै को रस्तो, श्याम ही करसी जी ।।
थां बिन दीनानाथ आंगळी, कुण …….
श्री विनोद अग्रवाल ‘हर्ष’ द्वारा सुप्रसिद्ध भजन ‘तेरा भगत करै तन्नै याद श्याम, थानै आयां सरसी रे’ की तर्ज़ पर रचित अनुपम रचना ।
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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