Olu Aave Re Sanwariya Teri Yad Satawe Re Aankha Neer Bahave Re
ओल्यूं आव रे साँवरिया तेरी याद सतावे रे आँखड़ली बिरहा की मारी नीर बहावे रे
तर्ज – धमाल
दोहा- खाटू वाला साँवरा, अब तो कानी देख ।
गिणता-गिणता घिस गई, आँगलिया री रेख ।।
ओल्यूं आव रे साँवरिया, तेरी याद सतावे रे
आँखड़ली बिरहा की मारी, नीर बहावे रे ।। टेर ।।
दिन मं चैन पड़ नहीं म्हान, रात नींद नहीं आव रे
मन पंछी तेरी चोखट पर, उड़ उड़ जाव रे ।। û ।।
श्याम तेरी बांकी सी झांकी, याद घनेरी आव रे
सिंहासन पर बैठ्यो – बैठ्यो तूँ मुसकाव रे ।। ü ।।
जैसी मौज मिले खाटू मं, और नहीं मिल पाव रे
श्याम तेरे दरबार क माँही मस्ती आव रे ।। ý ।।
सब पर किरपा करे श्याम, तूँ म्हान क्यूँ तरसाव रे
म्हान दरसन दियां श्याम तेरो के घट जाव रे ।। þ ।।
दीन दुःखी शरणागत आव, मन इच्छा पफल पाव रे
‘बिन्नू’ भी साँवलिया तेरा दरसन चाव रे ।। ÿ ।।