Baba Shree Shyam Ki Ananya Bhakt Shanti Bhuaji
बाबा श्याम की अनन्य भक्त
स्व शान्ति भुआ जी
दाता इतना धन मत देना की फूल जाँऊ
इतना सम्मान भी मत देना की तुम्मे भूल जांऊ
प्रभु ने समय समय पर अपने निज भक्तो को जनकल्याण हेतु निमित बना कर सेवा कार्य सौंप कल्याण किया । जिनकी त्याग तपस्या भक्ति को युगों युगों तक याद रखा जाएगा। बाबा श्याम की ऐसी ही एक भक्त जिनकी जिनको आदरमान श्रद्धा से हम गुरु माँ ताईजी शान्ति भुवा मीरा बाई के नाम से श्याम जगत उन्हें सम्बोधित करता है।
बाबा श्याम की अनन्य भक्त श्री श्याम मीरा मण्डल की सनष्ठापक संरक्षक परम पूजनीय स्व श्री मति शान्ति देवी जी जन्म सन 1931 में उत्तरप्रदेश के औरंगाबाद में में स्व श्री बाबूलाल जी अग्रवाल के यहां पुत्री रूप में हुआ इनका विवाह दिल्ली निवासी स्व श्री लाला गोपी राम जी खोये वाले के साथ हुआ। व्यवहार में स्पष्ट व सरल नीति से जीवन यापन में अनेक प्रकार के संघर्ष के बाद भी अपने सात्विक सिद्धान्तों का सदैव पालन किया । जो हम सब के लिए प्रेरणा स्त्रोत है।
दोनो परिवार मायका एव ससुराल को श्री श्याम प्रभु खाटू वाले के दर से जोड़ने व अपार कृपा का सौभाग्य प्राप्त करवाने का श्रेय भी शान्ति भुआजी को ही जाता है श्री श्याम बाबा की निष्काम भाव से आराधना तथा भक्ति में लीन रहने पर आपको प्रभु आपको प्रभु की मधुर वाणी से गुणगान करने का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। अनेको भजनों की रचना आपने की जिसमे प्रभु की लीला सृंगार का वर्णन तथा दुखी जनो का उद्धार मुख्य भाव रहा । अपनी वाणी से श्री श्याम प्रभु का गुणगान करते हुए देख भारत के कोने कोने से श्याम प्रेमी आपसे जुड़े इस जीवन की धर्म यात्रा में आपको चिड़ावा राजस्थान में जन्मे बाबा श्याम के अनन्य भक्त भजन सम्राट श्री शिवचरण जी भीमराजका का धर्मभाई का अतुल्नीय रिश्ता मिला श्री शिवचरण जी द्वारा रचित भजनों को शान्ति बाई द्वारा प्रभु के चरणों मे अर्पण करने की जुगलबंदी से प्रभावित होकर कलकत्ता अहमदाबाद नेपाल राजस्थान व श्याम जगत के श्याम प्रेमियो द्वारा आपको शान्ति भुआजी से पुकारना शुरू हो गया।
जब आप श्याम बाबा के पास पुत्र प्राप्ति की इच्छा लेकर खाटूधाम गए अपने भजन भाव से याचना की 67 साल पहले स्वय आपके साथ आगये सदैव आपके साथ रहे जहा आप एक पुत्र की कामना कर रही थी वही आपको हजारो की संख्या में एक विराट श्याम परिवार श्याम कृपा से मिला । महाराज के आदेशानुसार श्याम बाबा के शीश की छवि आपके निवास में मंदिर में विराजित है जिनके दर्शन मात्र से दुःखीजनो का कल्याण हुआ। और हो रहा है। बाबा श्याम ने आपको निमित बना कर असख्य चमत्कार किये दीन दुखियों की अर्जी इस दरबार मे शान्ति बाई के द्वारा लगाई जाती जिसका निवारण संभव होता असाध्य से असाध्य बीमारी धन हीन पुत्र हीन की आपने बाबा से अर्जी लगाई जो अर्जी सुनी जाती और झोली खुशियो से भरी जाती।
आपकी मारवाड़ी एव बृज भाषा मे अच्छी पकड़ थी। हारमोनियम भी आप बहुत अच्छे से बजाती थी। खाटू धाम में आपके द्वारा श्री श्याम मीरा मण्डल धर्मशाला का निर्माण करवाया ।खाटू धाम में गोकुल धाम में आपके आदेशानुसार ही श्री शिवचारणजी भीमराजका की प्रतिमा लगाई गईं।
श्री शिवचारणजी भीमराजका के रचित भजनों को बाई उसे पहले गाती धर्मकर्म में उनके द्वारा किये गए कार्य जिनका उलेख करना सूरज को दीपक दिखाना है।
आपके निवास में लगी छवि का नित्य सृंगार एव आरती भजन भाव मे आप सदा लीन रही होली दीपावली जमास्टमी पर्व फागुण जन्मोतसेव विशेष पर्व दरबार मै मनाया जाता ।
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम यही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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