तेरा मेरा साँवरे कैसा नाता है (Tera Mera Sanware Kaisa Nata Hai)

Tera Mera Sanware Kaisa Nata Hai
तेरा मेरा साँवरे कैसा नाता है

 

तर्ज – तेरे मेरे प्यार का

 

|| दोहा ||
लागी-लागी जग कहे, पण लागी वो ही जाण । 
खोड़ बिचारी यहाँ पड़ी, पास पिया के प्राण ।। 

 

तेरा मेरा साँवरे, कैसा नाता है
दिन हो चाहे रात हो, तेरा सपना आता है ।। टेर ।।

 

मीत बना तूँ मेरा, और प्रीत लगाई ऐसी
दुनिया बनाने वाले, ये रीत चलाई कैसी
ना जाने तूँ कैसा-कैसा, खेल रचाता है ।। û ।।

 

जिसको भी तूँ चाहे, उसको अपना बनाले 
सब कुछ तेरे बस में, तुम ही करने वाले 
कर ना सके कोई भी, वो तूँ कर के दिखाता है ।। ü ।। 

 

अब ना टूटे कान्हा, ये तेरा मेरा बन्धन 
मेरा कुछ भी नहीं है, तेरा तुझको अर्पण 
‘बनवारी’ इस दिल को केवल, तू ही भाता है ।। ý ।।

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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