Baba Thari Chakri Bhi Thakri Si Lagi Ji
बाबा थारी चाकरी भी ठाकरी सी लागे जी
ठाकरी सी लागी थारी , चाकरी या लागि जी…
बाबा थारी चाकरी भी , ठाकरी सी लागे जी
ठाकरी सी लागी थारी , चाकरी या लागि जी…-2
काम नही थो कोई म्हाने , मारो मारो फिरतो थो
दो रोटी के खातिर से ने , सेठा सेठा करतो थो…-2
साचो सेठ मिलो तो म्हारे , बाजरी भी आगि जी
देख के म्हाने मिनख जहाँ का , अपनी पीठ दिखाता था
करके तमाशा म्हारी दशा का , म्हारी हंसी उड़ाता था
इब सगळा के होटा बाबा , साकली सी आगि जी
खोटो सिक्को जान के म्हाने , ठोकर मार गुड़ाया था
गैरा का के बोला सागी , घर का भी छिटकाया था
थारे दर पे आके खोटी , पावली भी चाली जी
बीती बाता याद करू क्यू , मेरे रोज दिवाली है
जीवन म्हारो श्याम हवाले , यो म्हारो वनमाली है
थारो साथ मिलो तो सरिता , दुनिया भी पूछन लागि जी