बाबा थारी चाकरी भी ठाकरी सी लागे जी (Baba Thari Chakri Bhi Thakri Si Lagi Ji)

Baba Thari Chakri Bhi Thakri Si Lagi Ji
बाबा थारी चाकरी भी ठाकरी सी लागे जी

 

ठाकरी सी लागी थारी , चाकरी या लागि जी…
बाबा थारी चाकरी भी , ठाकरी सी लागे जी
ठाकरी सी लागी थारी , चाकरी या लागि जी…-2

 

काम नही थो कोई म्हाने , मारो मारो फिरतो थो
दो रोटी के खातिर से ने , सेठा सेठा करतो थो…-2
साचो सेठ मिलो तो म्हारे , बाजरी भी आगि जी

 

देख के म्हाने मिनख जहाँ का , अपनी पीठ दिखाता था
करके तमाशा म्हारी दशा का , म्हारी हंसी उड़ाता था
इब सगळा के होटा बाबा , साकली सी आगि जी

 

खोटो सिक्को जान के म्हाने , ठोकर मार गुड़ाया था
गैरा का के बोला सागी , घर का भी छिटकाया था
थारे दर पे आके खोटी , पावली भी चाली जी

 

बीती बाता याद करू क्यू , मेरे रोज दिवाली है
जीवन म्हारो श्याम हवाले , यो म्हारो वनमाली है
थारो साथ मिलो तो सरिता , दुनिया भी पूछन लागि जी

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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