चल गया चल गया चल गया रे साँवरे का जादू चल गया रे (Chal Gya Chal Gya Chal Gya Re Sanwre Ka Jadu Chal Gya Re)

Chal Gya Chal Gya Chal Gya Re Sanwre Ka Jadu Chal Gya Re
चल गया चल गया चल गया रे साँवरे का जादू चल गया रे

 

तर्ज – लुट रहा लुट रहा रे
|| दोहा ||
|| कलयुग माँही श्याम सा, ओर नहीं दातार ||
|| देता छप्पर पफाड़के, भर देता भण्डार ||

 

चल गया चल गया चल गया रे
साँवरे का जादू चल गया रे ।। टेर ।। 

 

सुन सुन परचा श्याम प्रभु का, मैं भी दर पर आया था 
मन ही मन में दिल की अपने, बाबा को बतलाया था 
बिन बोले सब समझ गया, काम हमारा कर गया रे ।। û ।। 

 

अब तो एेसा हाल है यारो, बन गये हम तो बाबा के 
बाबा का भी मन नहीं लगता, बिन पगले दीवानाें के 
अलग कोई अब कर ना सके, बन्धन ये ऐसा बंध गया रे ।। ü ।। 

 

वाह री मेरी किस्मत तुमने, कैसा काम पटाया है 
तीन लोक के सर्वेसर से, तुमने मुझे मिलाया है 
‘नन्दू’ फिर क्या कमी रहे, नारायण जब मिल गया रे ।। ý ।।

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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