Jab Se Jude Hai Hum To Shyam Darbar Se
जब से जुड़े है हम तो श्याम दरबार से
जब से , जुड़े है हम तो , श्याम दरबार से
रखी ना , आस कोई , झुटे , संसार से।।
रखी ना , आस कोई , झुटे , संसार से
हम , श्याम के है सर्वेंट , मिली सर्विश परमानेंट।।
बड़ा बदनसीब था , मैं तो बड़ा गरीब था
चरणों से था , जब दूर
ज्यादा नसीब है , आया जब करीब मैं
नही मैं रहा , मजबूर
ऐसा दयालु हमको , मालिक मिला है
हम को जगत का , पालक मिला है
हम , श्याम के है , सर्वेंट
मिली , सर्विश परमानेंट
मिला जब से प्यार है , सपने साकार है
सेवा करु , दिन रैन
श्याम गुणगान बिन , दरसन और ध्यान बिन
मिलता नही , अब चैन
श्याम कृपा से , लगन ये लगी है
सोई हुई , तकदीर जगी है
हम , श्याम के है , सर्वेंट
मिली , सर्विश परमानेंट
बिंन मांगे देता है , हर दुख हर लेता है
रखता है , दिल के करीब
मुझे विश्वास है , श्याम के जो दास है
वो है , बड़े खुशनसीब
कहता है , रोमी अब , सारे जहांन से
सेवक जो , श्याम के है , जीते है शान से
हम , श्याम के है , सर्वेंट
मिली , सर्विश परमानेंट
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम यही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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