Jhuta Ye Sansar Hai Saacha Hari Ka Naam
झूठा ये संसार है साँचा हरि का नाम
तर्ज – देता हरदम साँवरे
झूठा ये संसार है साँचा हरि का नाम,
झूठे जग में क्यों भरमाया,श्याम श्याम भज श्याम।।
एक दिन तुझको तेरे अपने भुला देंगे,
जिनपे तुं इतरा रहा,वो नाम ना लेंगे,
माया के आधीन हो,तुं बन गया गुलाम।।(१)
पापों का फंदा तुझे कसता ही जा रहा,
चक्रब्युह में तुं यहाँ फँसता ही जा रहा,
सोचो तेरे कर्मो का,क्या होगा अन्जाम।।(२)
एक रस्ता है तेरे बचके निकलने का,
कुछ समय तुम तो निकालो नाम जपने का,
करो प्रार्थना रोज ये,मुझे बचाले श्याम।।(३)
श्याम से शक्ति मिलेगी,श्याम से भक्ति,
श्याम के चरणों में प्यारे,है तेरी मुक्ति,
श्याम श्याम जपने का “बिन्नू” अच्छा है परिणाम।।(४)
झूठा ये संसार है,साँचा हरि का नाम