जिस ने श्याम को रिझाया अपना साथी इसे बनाया (Jisne Shyam Ko Rijhaya Apna Sathi Banaya)

Jisne Shyam Ko Rijhaya Apna Sathi Banaya
जिस ने श्याम को रिझाया अपना साथी इसे बनाया

 

तर्ज – मेरा नाम है चमेली। मेरे श्याम की हवेली

 

जिस ने श्याम को रिझाया , अपना साथी इसे बनाया 
उसने मनचाहा फल पाया , मेरे श्याम से 
जिसने श्याम से नाता जोड़ा , मुखड़ा जग वालों से मोडा 
सारे जग में नाम कमाया , मेरे श्याम से ।।

 

श्याम प्रभु के श्री चरणों का , जो है प्रेम पुजारी
मोह माया का परदा हट कर , शाम से हो गई यारी
हो हो… जाँ की लगन लगी गिरधर से
मगन होय कर झूम रहा वो , दिल में श्याम समाया

 

उसकी चिंता श्याम करे जो , चिंतन करता श्याम का
उसकी खातिर खुला हुआ है , द्वार प्रभु के धाम का
हो हो…उस पे प्रभु की कृपा बरसे
 साथ साथ चलता सांवरिया , बनकर उसका साया ।।

 

बड़े नसीबों वाले हैं वो , जो हैं श्याम दीवाने
बिन्नू ऐसे प्रेमी जनों का , भेद कोई ना जाने
हो हो … जिनका प्रेम है ईश्वर से
उन भक्तों के लिए सांवरा , क्या-क्या रूप बनाया।।

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम यही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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