कृष्ण सुदामा एक दूजै क बांथी घाल रहया त्रिलोकी क नाथ श्याम क आँसू चाल रहया (Krishna Sudama Ek Duje Ke Banthi Ghal Rya Triloki Ke Naath Shyam Ke Aansu Chal Rya)

Krishna Sudama Ek Duje Ke Banthi Ghal Rya Triloki Ke Naath Shyam Ke Aansu Chal Rya
कृष्ण सुदामा एक दूजै क बांथी घाल रहया त्रिलोकी क नाथ श्याम क आँसू चाल रहया

 

तर्ज – कुण जाने या माया

 

कृष्ण सुदामा एक दूजै क बांथी घाल रहया।
त्रिलोकी क नाथ श्याम क आँसू चाल रहया।।

 

एक गुरु स शिक्षा पाई,एक साथ खेल्या खाया,
बचपन का दिन याद करया जद,दोनुं का दिल भर आया,
भामा रुक्मण खड़ी पास में कुछ ना ख्याल रहया।।(१)

 

मेरे लिए के लेकर आयो,छुपा रहयो क्युं पोट तेरी,
क्युं शरमाव यार तुं दे दे,ल्यायो है जो भेंट मेरी,
खोल पोटली कच्चा चावल मुँह म घाल रहया।।(२)

 

हालचाल जद पुछण लाग्या,विप्र सुदामा सकुचायो,
बड़ी दीन है घर की हालत,धीरे धीरे बतलायो,
यार मेरो दुनिया को राजा म्हें कंगाल रहया।।(३)

 

खूब करी मनुहार मित्र की,भामा रुक्मण साथ हरि,
विदा लेय जद चल्यो सुदामा,फेर दोनुं की आँख भरी,
आतो जातो रहे भायला युं नन्दलाल कहया।।(४)

 

मेरी तो कुछ बात बनी ना,सोचत सोचत घर आयो,
फुट्य घर की जगह महल न,देख सुदामा घबरायो,
है ईश्वर यो कुण से जनम को,बैर निकाल रहया।।(५)

 

भीतर स निकल्या टाबरिया,सबके मन खुशिया भारी,
सजी धजी घरवाली निकली,बोली श्याम सुण्यो थारी,
“बिन्नू” कहे जो गया द्वार पर मालामाल भया।।(६)

 

त्रिलोकी क नाथ श्याम क आँसू चाल रहया

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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