मोरछड़ी लहराई रे रसिया ओ सांवरा तेरी बहुत बड़ी संकलाई रे Mor Chadi Lehrai Re Rasiya O Sanwara Teri Bahut Badi Sankalai Re

Mor Chadi Lehrai Re Rasiya O Sanwara Teri Bahut Badi Sankalai Re
मोरछड़ी लहराई रे रसिया ओ सांवरा तेरी बहुत बड़ी संकलाई रे

 

तर्ज – पंख होते तो उड़ आती रे

 

मोरछड़ी , लहराई रे , रसिया , ओ सांवरा
तेरी , बहुत बड़ी , संकलाई रे। ओ सांवरा
हो हो हो हो , मोरछड़ी …

 

मोरछड़ी का , जादू निराला ,
इसको थामे , है खाटू वाला
नीले चढ़के , दौड़ा ये आए ,
सारे संकट , पल में मिटाए
रसिया , ओ सांवरा ….
तेरी बहुत बड़ी संकलाई रे …
हो हो हो हो , मोरछड़ी …

 

श्याम बहादुर , दर्शन को , आए ,
ताले , मंदिर के , बंद पाए
मोरछड़ी से , तालों को , खोला
शीश , झुका कर , बाबा से बोला
रसिया , ओ सांवरा …
तेरी , बहुत बड़ी , संकलाई रे ….
हो हो हो हो , मोरछड़ी …

 

मोरछड़ी की , महिमा , है भारी
श्याम धणी को , लागे , ये प्यारी
हर्ष कहे , रोतों को , हंसाए
हाथों में , जब , तेरे लहराए
रसिया , ओ सांवरा ….
तेरी बहुत , बड़ी , संकलाई रे …
हो हो हो हो , मोरछड़ी …

 

सुख में हो सुमिरन , दुःख में हो कीर्तन
ऐसा बना दो मेरा ये जीवन
झूम के गाउ मैं तेरे तराने
चरणों में बीते मेरा ये जीवन
रसिया , ओ सांवरा ….
तेरी बहुत , बड़ी , संकलाई रे …
हो हो हो हो , मोरछड़ी …

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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