Pagthaliya Me Khaj Chal Rahi Khatu Jano Hai Khatu Wale Shyam Dhani Se Prem Purano Hai
पगथलिया मं खाज चाल रही खाटू जाणो है खाटूवाळे श्याम धणी सैं प्रेम पुराणो है
तर्ज – कुण जाणै या माया श्याम की
पगथलिया मं खाज चाल रही, खाटू जाणो है,
खाटूवाळे श्याम धणी सैं, प्रेम पुराणो है ।।
मतना रोको, मतना टोको,
म्है तो खाटू जावांगा,
म्हानै बाबो श्याम बुलावै,
कैंया म्है रुक पावांगा,
इक-दूजै कै घर मं म्हारो, आणो-जाणो है ।।
खाटूवाळे श्यामधणी सैं प्रेम…..
श्याम धणी का दर्शन करस्यां,
दिल की प्यास बुझावांगा,
जी भर करकै बात करांगा,
अपणा हाल सुणावांगा
बिन बोल्यां भी समझै है यो, बड़ो सयाणो है ।।
खाटूवाळे श्यामधणी सैं प्रेम…..
जद-जद जावां इतनो देवै,
झोळी ही भर ज्यावै है,
जो म्है ल्याणै नहीं सकां यो,
आकर कै दे जावै है,
बिन बोल्यां भी समझै है यो, बड़ो सयाणो है ।।
खाटूवाळे श्यामधणी सैं प्रेम…..
जग रुठै परवाह नहीं पर,
श्याम की किरपा बणी रह्वै,
म्हानै कोई फिकर नहीं जद
सिर पर श्याम सो धणी रह्वै,
‘बिन्नू’ माथो टेक चरण मं, श्याम रिझाणो है ।।
खाटूवाळे श्यामधणी सैं प्रेम…..
श्री बिनोदकुमार जी गाड़ोदिया ‘बिन्नू’ द्वारा सुप्रसिद्ध भजन ‘कुण जाणै या माया श्याम की, अजब निराली रै’ की तर्ज़ पर रचित अनुपम रचना ।