Tum Pag Pag Par Samjhate Hum Phir Bhi Samajah Nhi Paate
तुम पग पग पर समझाते हम फिर भी समझ ना पाते
तर्ज – तुझे सूरज कहँ या चन्दा
तुम , पग पग , पर समझाते…हम , फिर भी , समझ , ना पाते
ये कैसा , दोष हमारा, .. हम गलती , करते जाते ।। टेर ।।
जय श्री श्याम, श्री श्याम श्री श्याम….2
नादानी , जी को , जलाए,…. व्याकुलता , बढ़ती जाए…-2
बैरी मोहन , मन मेरा, …. मुझे , क्या-क्या , रंग दिखाए…-2
रंगों के , रंग महल में….-हमें , नित नए , सपने आते
ये कैसा , दोष हमारा… ।। û ।।
प्रभु निश्चय , अटल , बना दें … विश्वास का , रंग , चढ़ा दे,
गुण गाऊँगा , मैं , तेरा…., मेरे , सारे , दोष , मिटा दें
निर्बलता , से मैं , हारा….-मुझे , क्यूं ना , सबल बनाते
ये कैसा , दोष हमारा… ।। ü ।।
प्रभु , हार गया , अब आओ … मुझे , आकर , सबल बनाओ
दामन , असुवन से, भीगां-…‘नन्दू’ , यूं ना , अजमाओ
है शर्म , प्रभु , हमें खुद पर…-हम , फिर भी , चलते जाते
ये कैसा , दोष हमारा… ।। ý ।।