Uthe Sanwariya Ri Huk Naina Jhar Jhar Neer Bahay
उठे साँवरिया री हूँक नैना झर झर नीर बहाय आयो फागणियो रंगीलो म्हारो जीव लल्चाय
उठे , साँवरिया री हूँक , नैना झर झर , नीर बहाय
आयो फागणियो रंगीलो, म्हारो जीव लल्चाय
चालो-चालो नी भँवर जी, बेगा चालो नी भँवर जी
म्हारो , साँवरो बुलाय
चालो-चालो नी भँवर जी………..
आयो फागणियो रंगीलो, म्हारो बाबो मारे हेलो
सगला घरका न संग लेलो, कोई रहे नहीं जाय
चालो-चालो नी भँवर जी………..
ढ़ोलक झाँझ मंजीरा बाजे, सेवक झूँम-झूँम कर नाचे
मुरली साँवरिये की बजे, म्हारो मन हरसाय
चालो-चालो नी भँवर जी………..
देख्यो श्याम शलोनो मुखड़ो, भूल्यो सारो मन को दुखड़ो
म्हारे कालजड़े रो टुकड़ो, राखो नैना में छुपाय
चालो-चालो नी भँवर जी………..
कोई रंग गुलाल उड़ावै, कोई अन्तर खुब चढ़ावै
“अनु” भजना सु रीझावै, बैठो श्याम मुस्काय
म्हारो श्याम मुस्काय
चालो-चालो नी भँवर जी………..
चालो-चालो नी भँवर जी, बेगा चालो नी भँवर जी
उठे साँवरिये री हूँक, नैना झर-झर नीर बहाय
आयो फागणियो रंगीलो, म्हारो जीव लल्चाय
चालो-चालो नी भँवर जी…..