ऐ जी घनश्याम थारी मुरली कामणगारी म्हारा राज (Eji Ghanshyam Thari Murli Kamangari Mahara Raj)

Eji Ghanshyam Thari Murli Kamangari Mahara Raj
ऐ जी घनश्याम थारी मुरली कामणगारी म्हारा राज

 

तर्ज – उमराव

 

ऐ जी घनश्याम थारी मुरली कामणगारी, 
म्हारा राज ।।

 

सूरत अति मनमोहनी, मीठी सी मुस्कान,
एक झलक दिखलायके, पागल कर गयो प्राण,
ऐ जी घनश्याम थारी, चित्तवन पर बलिहारी ।
म्हारा राज ।।

 

हरयै बाँस की बांसुरी, मो मन गई समाय,
ढळती रात जगाय के, गजबण गई तरसाय,
ऐ जी घनश्याम कैसी, मारी नेह कटारी ।
म्हारा राज ।।

 

लटक निराली श्याम की, मेरै मन को चैन,
दर्शन बिन गोपाल के, व्याकुल हैं दो नैन,
ऐ जी घनश्याम थारी, सूरत लागै प्यारी ।
म्हारा राज ।।

 

श्यामबहादुर साँवरा, थारै सैं अरदास,
सुध ‘शिव’ की लेता रियो, प्रतिपल बारूं मास,
ऐ जी घनश्याम लागी, थांसै प्रीत मुरारी ।
म्हारा राज ।।

 

श्रद्धेय स्व. शिवचरण जी भीमराजका ‘शिव’ द्वारा राजस्थानी तर्ज़ ‘उमराव’ पर रचित अनुपम रचना

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
श्रीश्याम आशीर्वाद पोर्टल पर सभी मंदिर , भजन , भक्तो का जीवन परिचय, भक्तो के साक्षात्कार, प्रभु सुमिरन , ग्रन्थ व् अन्य कंटेंट को किसी न किसी ऑथेंटिकेटेड जानकारी व् व्यक्ति विशेष से लिया गया है या हमारे द्वारा पोर्टल पर विभिन्न माध्यम से प्राप्त किया गया है। कंटेंट पब्लिश करने में पूर्णतया सावधानी रखी गई है। श्री श्याम आशीर्वाद आपके द्वारा किसी भी पोस्ट में दिए गए सुझाव , बदलाव व् नए प्रस्ताव का सहृदय हार्दिक स्वागत करता है।

Leave a Comment