ना फूल चाहिए ना श्रृंगार चाहिए साँवरे को सच्चा तेरा प्यार चाहिए (Naa Phul Chahiye Na Shringar Chahiye Sanware Ko Saccha Tera Pyar Chahiye)

Naa Phul Chahiye Na Shringar Chahiye Sanware Ko Saccha Tera Pyar Chahiye
ना फूल चाहिए ना श्रृंगार चाहिए साँवरे को सच्चा तेरा प्यार चाहिए

 

तर्ज – गोविन्द मेरो है गोपाल मेरो है

 

ना फूल चाहिए,ना श्रृंगार चाहिए,
साँवरे को सच्चा तेरा प्यार चाहिए ।।

 

इसको झूठा दिखावा ना सुहाता है,
श्याम को चोचला नहीं आता है,
यदि दिल मे हो प्यार,सीधा सादा विचार,
श्याम रहता तैयार दौड़ा आता है,
इसे भाव चाहिए और लगाव चाहिए।।(1)

 

अपना वैभव प्रभु को क्या दिखाते हो,
माँग कर तो इसी से तुम लाते हो,
कुछ तो सोचो जरा,प्यारे तेरा है क्या,
श्याम का ही दिया तुम तो खाते हो,
ना मिष्ठान चाहिए,ना पकवान चाहिए ।।(2)

 

सच्चे ह्रदय से श्याम को रिझाले तुं,
दिल की धड़कन मे इसको बसाले तुं,
ध्यान दिल मे धरो,नाम सुमिरन करो,
“बिन्नू” जी भर के श्याम गुण गाले तुं,
ना स्वर चाहिए,ना ताल चाहिए।।(3)

 

साँवरे को सच्चा तेरा प्यार चाहिए..

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम यही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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