तुम्हारी मेरी बात के जानेगो कोई (Tumhari Meri Baat Ke Janego Koi)

Tumhari Meri Baat Ke Janego Koi
तुम्हारी मेरी बात के जानेगो कोई

 

तर्ज – गरीबों की सुनो वो तुम्हारी सुनेगा

 

तुम्हारी मेरी बात के जानेगो कोई , 
है कि दफा ही, ये पलकां भिगोई

 

जितना भी तेरी याद का आंसू, मेरे खातिर दीवाली 
मैं एक वन का फूल हूँ माधव , तू ही तू इसका मालिक है
दया से तुम्हारी ये फूला फलां है, 
कलाकार की ये निराली कला है, 
मैं गुणगान गाऊँ, उतने ही कम है, 
मेरी कुछ न हस्ती, तुम्हें ही शरम हैं-2 
अनजान ही तेरी याद में-2, इतनी रातां खोई। 

 

मुझमें कोई इल्म नहीं है, तेरी प्रीत निभाने का ,
अक्ल काम नहीं करती है, देख के हाल जमाने का , 
किधर से किधर आदमी जा रहा है
नजर ना कोई रास्तां आ रहा है। 
दिलाते तुम्हें याद , मैं आ रहा हूँ
इशारे पे तेरे चले जा रहा हूँ- 2
सर आख्या पर हुकुम तिहारो-2, तू करसी सो होई।।

 

तेरी मेरी प्रीत के माही, तीजों कोई पंच नहीं 
तेरी पूजा अर्चन का है, मन मंदिर सा मंच नहीं 
तेरा नाम लेकर जिये जा रहा हूँ
ये बेजोड़ हालात पिये जा रहा हूँ
मेरी जिंदगी तेरी बांकी अदा है
ये शिव तो दिवाना तुम्ही पे फिदा है-2
श्याम बहादुर उड़ता हंसा-2 , देख जगत क्यों रोई।।

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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