Ye Karam Nhi To Kya Hai Mujhe Dar Pe Jo Bulaya Hai Nhi Hesiyat Thi Kuch Bhi Mera Martaba Badhaya Hai
ये करम नही तो क्या है मुझे दर पे जो बुलाया नही हैसियत थी कुछ भी मेरा मरतबा बढाया है
भजन लिरिक्स Bhajan Lyrics
ये करम नही तो क्या है,
मुझे दर पे जो बुलाया ||
नही हैसियत थी कुछ भी,
मेरा मरतबा बढाया है ||
दीदार जब किया तो, मेरे होश उड़ गऐ थे
ऩजरे हटाते कैसे मदहोश से खड़े थे,
सुध-बुध रही ना खुद की, ऐसा असर चढाया
नही हैसियत थी…..
ऩजरे है तेरी महकी, मिलते ही फस गया था
ऩजरो से तू पीलाऐ, मैं पीता ही गया था
तौबा मेरी ये तौबा, कैसा ऩशा चढाया
नही हैसियत थी…
जब सम्भल के देखा, मुस्कान में है जादू
घ़ायल है लाखों इसके, रखता सभी को काबू
काबू में जो है इसके, उसने ही इसे ऱिझाया
नही हैसियत थी…
श्रगाँर तेरा ऐसा, कुदरत भी सर झूकाऐं
तुझे देखने कि खातिर, सब देवता भी आऐ
वापिस ना फिर वो लौटे, और स्वर्ग को भूलाया
नही हैसियत थी….
फ़रियादी बनके आऐ, असली व़जह नही है
तेरी ल़त हमें लगी है, खुद को ख़बर नही है
दीदार जब किया तो, तब चैन दिल को आया
नही हैसियत थी…..
ये चमक जो दिख रही है, मिली भीख़ में है तुमसे
मुझे मिल रहा जो रूतबा, सब आपके क़रम से
कंकर था ठोकरों का, हीरा सा मुझे बनाया
नही हैसियत थी ……..
ऩजरो को प्रभु मेरी, इतनी ऊचाँई देना
जिस और भी मैं देखू, बस तू दिखाई देना
महसूस हो हमेशा, मेरे सर पे तेरा साया
नही हैसियत थी …..
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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