Aao Shyam Ji Kanhiya Nanad Lal Ji Mere Prano Se Pyare Gopal Ji
आओ श्याम जी कन्हैया नंदलाल जी मेरे प्राणो से प्यारे गोपाल जी
आओ , श्याम जी… कन्हैया , नंदलाल जी,
मेरे , प्राणो से … प्यारे , गोपाल जी ।….-3
मेरे , प्राणो से … प्यारे , गोपाल जी …-4
है गोविंद ….है गोविंद… गोविंद ..है गोविंद है गोपाल
मैं दूर देश की , रहने वाली ,कैसे तुमको पाऊं
कौन सुने , या दुखिया मन की, किस को ,व्यथा सुनाऊँ
मेरे प्राण सावँरे , प्रीतम, मैं पल पल , आस लगाऊं
कब आवोगे मेरे , जीवन साथी, मैं बलिहारी , जाऊं
अनजाने में अनजाने को दे बैठी दिल अपना
बेदर्दी बालम, ओ निर्मोही साजन
ना मैं गयी, न वो ही आए, मेरा रहा अधूरा सपना
सवासो की माला पर अब तो नाम साजन का जपना
विरहा ज्योत जगा कर अंतर, प्यारे धीरे धीरे तपना
मैं ठोकरा खांदी फिरदी, तैनू जरा तरस ना आवे
तू कित्थे गया मनमोहन, मैनु केहड़ा गाल नाल लावे
मैनो साद गोकुल दिया साईया, मैं दिंडी फिरां दुहाईआं
तू छड़ दे बेपरवाईआं, तैनू केहड़ा यह समझावे
कोई मिलदा नहीं सहरा, मैनु मिलदा नहीं किनारा
मेरे कित्थे हो गुजरा, मैनु कुछ भी समझ नहीं आवे
बेदर्दी बालम, ओ निर्मोही साजन, ओ हठीले प्रीतम
थोड़ी सी झलक दिखा दो मुझे, क्यों परदे में छिप रहते हो
क्या राज है तेरे छिपने में, कईं छिप कर मुस्काते हो
माना की तुम हो बहुत हसीन, लग जाए ना तुमको नज़र कहीं
हृदय में छिपा लुंगी मोहन, जो दुनिया से शर्माते हो
सुनते हैं तेरे दीवानो से तेरे प्रीत की निराली है
सब कुछ हर लेते हो, इक बार जिसे अपनीते हो
सब शर्ते तेरी मंजूर हमे, अब आवो देर लगाओ न
इस दुखिया दासी विरहन को, तुम क्यों इतना तरसाते हो
सावरिया उमरिया बीत गयी, तुम आए नहीं मम प्रीत सखे
यह रस की गागर बीत गयी, यह रस की गागर बीत गयी
मेरे जीवन के उपवन में तुम कभी कभी तो आए हो
इस बंजर हिय में प्यारे, गहन श्याम घटा बन छाये हो
अब सपना हो गया है प्रीतम, जाने वो क्या बात गयी
अब तो याद तुम्हारी प्यारे, चुपके चुपके आ जाती है
सम्पूर्ण हृदय के अम्बर पर, बदली सी बन छा जाती है
बरस रही है नयन पुतरिया, देखो यह बरसात नयी