Baba Shyam Ke Darbar Machi Re Holi
बाबा श्याम क दरबार मची रे होली
तर्ज – धमाल
|| दोहा ||
फागण मं श्री श्याम को खूब सज्याे दरबार ।
धरती अम्बर झूम रया, झूम उठयाे सँसार ।।
बाबा श्याम क , दरबार … मची रे , होली
बाबा श्याम क ।। टेर ।।
कै मण , लाल … गुलाल , उड़त है
तो कै मण , केशर कस्तूरी , बाबा श्याम के
बाबा श्याम……… ।। û ।।
नो मण , लाल … गुलाल , उड़त है
दस मण , केशर कस्तूरी , बाबा श्याम के
बाबा श्याम……… ।। û ।।
कितणा , बरस को … कुंवर , कन्हैयो
कितणा , बरस की … राधा , गौरी , बाबा श्याम के
बाबा श्याम के… ।।u।।
ग्यारा रे , बरस को … कुंवर , कन्हैयो
तो बीस , बरस की … राधा , गौरी , बाबा श्याम के
बाबा श्याम के… ।।u।।
कीणा जी र , हाथां मं … रँग को , कटोराे
तो कुणा जी र … हाथां मं , पिचकारी
बाबा श्याम……… ।। ü ।।
राधा जी के , हाथां मं … रँग को , कटोरो
तो कानुड़े क , हाथां मं … पिचकारी
बाबा श्याम……… ।। ý ।।
हाेली की मस्ती मं सगला नाचे
ताे संग नाचे गिरवर धारी
बाबा श्याम……… ।। þ ।।