Baitho Baitho Baba Niharu Thari Or Tabariya Pe Data Karoga Kad Gor
बैठ्यो बैठ्यो बाबा निहारूँ थारी और टाबरिये पे दाता करोगा कद गौर
तर्ज – सावन का महीना पवन करे
बैठ्यो बैठ्यो बाबा निहारूँ थारी और,
टाबरिये पे दाता,करोगा कद गौर।
युक्ति कन्हैया कोई समझ न आवे,
दुःखड़े की मारया आँख्या,आँसू ढलकाव,
चारुँ और है दीखै,घटाएं घनघोर।।(१)
जीवन नैया म्हारी थारै है हवाले,
कोई न दूजो दाता,ई न सम्भाले,
मझधारा में नैया,है तुफाना रो जोर।।(२)
संकट बड़ो है बाबा,ई स उबारो,
दुर्बल हां म्हाने, दीज्यो सहारो,
थे ही हो कन्हैया,म्हारै मनडे रो मोर।।(३)
म्हाने कन्हैया एक आस तिहारी,
थे ही हरौला सारी,विपदा न म्हारी,
“कैलाश” थारै आगे,खड्यो है कर जोड़।।(४)
टाबरिये पे दाता,करोगा कद गौर
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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