Bhairu Ro Darbar Jag Me Sab Su Nayaro Hai Bhakta Ro Rakhwaro Hai
भैरू रो दरबार ई जग में सबसुं न्यारो हैं ओ तो भक्तों रो रखवालो हैं
तर्ज – कीर्तन की है रात
भैरू रो दरबार, ई जग में सबसुं न्यारो हैं,
ओ तो भक्तों रो रखवालो हैं,
भैरू रो दरबार, ई जग में सबसुं न्यारो हैं..
भय दुर कर देवे, हर संकट हर लेवे, भैरू थारो नाम हैं,
भुत प्रेत वाने नजदीक ना आवे, जठे थारो वास हैं..
तेरे भक्त सभी, भैरू बिन ना चालें गुजारो है,
ओ तो भक्तों रो रखवालो हैं,
भैरू रो दरबार, ई जग में सबसुं न्यारो हैं..
दुःखियों रा दुःख हर्या, जो आया भाव भर्या, भैरू थारा दरबार मे,
आंधो ने आख्या दी, कोड़ी रा कोड हर्या, म्हारा सरकार ने..
म्हाने तो भैरु, थारा नाम रो सहारो हैं,
ओ तो भक्तों रो रखवालो हैं,
भैरू रो दरबार, ई जग में सबसुं न्यारो हैं..
भक्तों री या वाणी, घर घर में हैं जानी, गावा थारा गीत हैं,
विपिन भी ओ केवे, म्हारा जीवन रखवाला, लागी थासूं प्रीत हैं..
जनम जनम रो साथ, भैरू थाने ही निभानो हैं,
ओ तो भक्तों रो रखवालो हैं,
भैरू रो दरबार, ई जग में सबसुं न्यारो हैं..