बिगड़े हुए नसीब को हमने बना लिया तेरे चरण की धूल काे सिर पे लगा लिया (Bigde Hue Naseeb Ko Hamne Bana Liya Tere Charan Ki Dhul Ko Sar Pe Laga Liya)

Bigde Hue Naseeb Ko Hamne Bana Liya Tere Charan Ki Dhul Ko Sar Pe Laga Liya
बिगड़े हुए नसीब को हमने बना लिया तेरे चरण की धूल काे सिर पे लगा लिया

 

तर्ज – जबसे मिला तूँ साँवरे

 

|| दोहा ||
आसरा तेरा लिया, लीले वाले श्याम । 
तुझ पर सब कुछ छोड़ दिया, मुरलीधर घनश्याम ।। 

 

बिगड़े हुए नसीब को, हमने बना लिया 
तेरे चरण की धूल काे, सिर पे लगा लिया ।। टेर ।। 

 

हो रोग तो इलाज भी हो जायेगा कहीं 
बिगड़े हुए नसीब की मिलती दवा नहीं 
तेरे चरण की धूल में अमृत को पा लिया ।। û ।।

 

माया के झूठे जाल में कुछ इस तरह पफँसे
तुम साथ थे मगर तुम्हें पहचान न सके
जैसे किसी ने आँख में परदा गिरा दिया ।। ü ।।

 

कैसे अदा करें तेरा ऐ श्याम शुक्रिया
पत्थर से इस नसीब को हीरा बना दिया 
पतिताें को ‘सोनू’ साँवरे पावन बना दिया ।। ý ।।

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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