Chaai Re Khatu Nagar Me Bahar Shyam Milan Ki Rut Aai
छाई रे खाटू नगर में बहार श्याम मिलन की रुत आई
तर्ज – चलो रे डोली उठाओ
छाई रे खाटू नगर में बहार , श्याम मिलन की रुत आई
आया फागुन का रंगीला त्यौहार , श्याम मिलन की रुत आई
जो है हैरान जो है परेशान सुनता सभी की खाटू का श्याम
फागुन में लगती अदालत बड़ी , बनते हैं काम यहां हर ईक घड़ी
तुम भी आना फागुन में हर बार , श्याम मिलन की रुत आई
छाई रे खाटू नगर में बहार ..
जिन नैनों की ये है ज्योति , रोशनी उनकी कम ना होती
ये ही उजाला यही है किरन , कृपा से इनकी बनता जीवन
इनके होते ना हो अंधकार , शाम मिलन की रुत आई
छाई रे खाटू नगर में बहार …
क्या है राजा क्या है फकीर , इनके ही हाथों सबकी तकदीर
ये ही तो लेख सारे लिखता है , ये ही तो किस्मत बदलता है
ये ब्रह्मा और विष्णु अवतार , शाम मिलन की रुत आई
छाई रे खाटू नगर में बहार…
केवट बना और सौंप दे पतवार , नैया होगी ना तेरी मझधार
नैया कोई तेरी रोक ना पाए , दावा है निर्मल का होगी ये पार
सबकी नैया का खेवनहार , श्याम मिलन की रुत आई
छाई रे खाटू नगर में बहार….