Gujri Hai Jo Is Dil Pe Vo Tumko Sunai Hai Mahaveer Ke Bangle Pe Aavaj Lagai Hai
गुजरी है जो इस दिल पे वो तुमको सुनाई है महावीर के बंगले पे आवाज लगाई है
तर्ज – होठों से छूलो तुम मेरा गीत अमर कर दो
गुजरी है जो इस दिल पे, वो तुमको सुनाई है,
महावीर के बंगले पे, आवाज लगाई है ।।
इंसान का चौला तो, अवगुण का खजाना है,
तुम देव दयालु हो, तुमको ही निभाना है,
बिगड़ी को मेरी तुमने, हर बार बनाई है ।।
गुजरी है जो इस दिल पे……
सियाराम के पायक हो, निर्बल के तुम्हीं बल हो,
धड़कन हो कलेजे की, क्यों आँखों से ओझल हो,
अनहोनी को भी होनी, प्रभु करके दिखाई है ।।
गुजरी है जो इस दिल पे……
अंजनि सुत बलकारी, सबसे अलबेला है,
रावण की लंका में, जो आग से खेला है,
इस दीन-दुःखी ने भी, तेरी ज्योत जगाई है ।।
गुजरी है जो इस दिल पे……
तुम श्यामबहादुर के, मेहमान पुराने हो,
‘शिव’ के भी तो सदियों से, जाने-पहचाने हो,
देरी भी लगाओगे, मुझे बहुत समाई है ।।
गुजरी है जो इस दिल पे……