Jad Jad Holi Khela Tan Rang Daro Abki Baras Maharo Man Rang De
जद जद होली खेल्या तन रंग डारयो अब की बरस म्हारो मन रंग दे
तर्ज – उड़ उड़ रे म्हारा
जद जद होली खेल्या तन रंग डारयो,
अब की बरस म्हारो मन रंग दे,
मनड न श्याम सजन रंग दे।।
श्याम तेरो रंग म्हारे मनड न भावे,
बार बार उतरे तूँ फैरू स लगावे,
रोज को यो झगड़ों ख़तम कर दे….(१)
राधा क लगायो रंग मीरा क लगायो,
नरसी सुर कबीरा क लगायो,
महारा भी हिय म वैसी हुक भर दे…(२)
प्रेम स लगावगो तो छुट नहीं पावगो,
दिन पर दिन यो तो घुलतो ही जावगो,
छुटे नहीं ऐसो तुं यतन कर दे…(३)
बण्यो है दिवानो जीके रंग तू लगायो,
“बिन्नू” न समझ मत,श्याम तू परायो,
तेरे रंग स तुं म्हान तर कर दे…(४)
मनड न श्याम सजन रंग दे