म्हारा श्याम रंगीला पलका उघाड़ो फागण आ गयो (Mera Shyam Rangila Palka Ughado Fagan Aa Gayo)

Mera Shyam Rangila Palka Ughado Fagan Aa Gayo
म्हारा श्याम रंगीला पलका उघाड़ो फागण आ गयो

 

तर्ज – म्हारी चन्द्र गवरजा

 

म्हारा श्याम रंगीला, 
पलकां उघाड़ो फागण आ गयो ।।

 

फागणियो रंगीलो महीनो, चंग सुरीला बाजै,
रेशमी दुपट्टा बांध्यां, भगतां छम-छम नाचै ।।
मेरा श्याम रंगीला, पलकां उघाड़ो …..

 

रंग-बिरंगी सुन्दर-सुन्दर श्याम ध्वजा बणवाई,
लाज राखियो खाटुवाळा, या ही अरज़ लगाई ।।
मेरा श्याम रंगीला, पलकां उघाड़ो …..

 

श्याम मंडल यो हैलो मारै, भगतां कान लगाल्यो,
भीड़ मोकळी होसी इबकै, बेगा नाम लिखाल्यो ।।
मेरा श्याम रंगीला, पलकां उघाड़ो …..

 

मेळा पाछै होळी खेलां, केशर रंग उडावां,
‘बनवारी’ भगतां कै सागै, श्यामकुण्ड मं न्हावां ।।
मेरा श्याम रंगीला, पलकां उघाड़ो …..

 

श्री जयशंकर चौधरी ‘बनवारी’ द्वारा राजस्थानी गीत ‘म्हारी चन्द्र गवरजा’ की तर्ज़ पर रचित सुप्रसिद्ध रचना ।

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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