मोटो थारो दरबार सेवक आयो थारै द्वार बाबा ध्यान रखना (Moto Tharo Darbar Sevak Aayo Thare Dwar Baba Dhyan Rakhna)

Moto Tharo Darbar Sevak Aayo Thare Dwar Baba Dhyan Rakhna
मोटो थारो दरबार सेवक आयो थारै द्वार बाबा ध्यान रखना

 

तर्ज – तेरी दुनिया से दूर होके चले मजबूर

 

मोटो थारो दरबार, सेवक आयो थारै द्वार,
बाबा ध्यान रखना ।।

 

घूम्यो सारी दुनिया, मिल्यो ना कोई साथी,
जो कहवै अपना,
भक्तों से सुनी है, साँचा है एक साथी,
श्री श्याम अपना,
श्री श्याम अपना, जग झूठा सपना ।।
थारो मोटो दरबार, सेवक…….

 

बाबा थारो टाबर, बड़ो ही दुखियारो,
सतावै है जहाँ,
थे ही म्हारा मालिक, पिता और माता,
मैं जाऊँगा कहाँ,
मैं जाऊँगा कहाँ, बस रहूँगा यहाँ ।।
थारो मोटो दरबार, सेवक…….

 

लाखां का बणाया हो, मेरा भी संवारोगा,
कारज जरूर,
मेरी छोटी नैया, खावै है हिचकौला,
ओ मेरे हुजूर,
ओ मेरे हुजूर, माफ़ करना कुसूर ।।
थारो मोटो दरबार, सेवक…….

 

फूलां सैं सजावां, थारी या फुलवारी,
पधारो घनश्याम,
भक्तां बीच बैठो, सुणो थे सैंकी अरजी,
जो लेवै नाम,
जो लेवै थारो नाम, श्री श्याम श्याम श्याम ।।
थारो मोटो दरबार, सेवक…….

 

‘तेरी दुनिया से दूर, होके चले मजबूर’ गीत की तर्ज़ पीकर रचित अनूठी रचना । लेखक – अज्ञात ।

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
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।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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